heart touching poetry in hinid - haan me matlabi hoon – दोस्तों आज हम आपके लिए लाये हैं एक से बढ़ कर एक मतलबी Poetry लाये है] ये सिर्फ और सिर्फ आपके लिए है | अक्सर हमारी ज़िन्दगी में कुछ ऐसा समय आता है | जब हमे लगता हैं कोई हमारा अपना हमारे साथ सिर्फ इसलिये था क्योंकि क्यों कि उसको अपना काम निकालना था | इस दुनिया में हर रिश्ता खास होता हैं चाहे वो दोस्ती का हो या माँ बाप का या फिर पति पत्नी हर रिश्ता हमारे लिए बहुत खास होता हैं
सभी रिश्तो में विश्वास होना ज़रूरी है रिश्ते बनाना आसान होता है पर उस रिश्ते को निभाना मुश्किल है। कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ मतलब के लिए बने होते हैं |
जब उसका मतलब निकल जाता हैं तो आपसे रिश्ता तोड़ देते हैं। इसलिए आज हम लाये हैं मतलबी लोगों के लिए शायरी जैसे Shayari on Matlabi Insan – Matlabi Insan और हाँ अगर आपको अगर ये hindi poetry पसंद आये तो अपने दोस्तों मे जरूर भेजना इससे आपके दोस्त भी आपको कभी भेज सकता है अगर आप उसे बहुत ज्यादा प्यार करते हैं तो चलिये अब ये hindi poetry भि देख ले बहुत heart touching हैं |
कभी कभी सोचता हूँ की जे हुआ अच्छा ही हुआ,
और फिर कभी कभी सोचता हूँ की जो भी हुआ आखिर क्यों हुआ..
कभी कभी मुझे तुम पर बहुत प्यार आता है,
तो कभी कभी मुझे तुमसे नफरत सी होती है के आखिर तुम मेरे बिना खुश कैसे हो?
क्यूंकि शायद अब में मतलबी हो गया हूँ...
या फिर मुझे अब किसी की कोई परवाह नहीं |
लोग भी अक्सर यही कहते है के
हर कोई अपनी मोहोब्बत को अपने प्यार को खुश देखना चाहता है|
और कही न कही शायद ये सच भी है,
आखिर कौन नहीं चाहेगा की कि जिसे वो प्यार करता हो, या जिसके बिना वो रह न पता हो
उसे कभी कोई दुःख हो कभी कोई तकलीफ हो
वो हमेशा ही खुश रहे..
लेकिन तब तक जब तक की वो शक़्स हमरा हो और हमारे साथ ही रहे
उसके दिल में भी हमारे लिए उतनी ही मोहोब्बत रहे जितनी हम उससे करते है |
लेकिन उससे किसी और के साथ खुश देख कर मन में यही
सवाल आने लगते है की वो हमारे बिना खुश कैसे है?
और कही न कही सच कहूँ तो ये सच भी है |
के नहीं देखा जाता अपनी मोहब्बत को किसी और की मोहब्बत बनते हुवे
नहीं देखा जाता उसे किसी और की बाहों में,
पर यकीन मानो दोस्त हम किसी से जितना मर्ज़ी कह ले,
किसी को जितना मर्ज़ी यकीन दिला ले के हम उसे खुश देख कर बहुत खुश है,
पर असल ज़िन्दगी में हमें दुःख होता है...
दुःख होता है ये देख कर के जो शक़्स कल तक हमारा था वो आज किसी और का है,
दुःख होता है ये देख कर वो हमारे बिना खुश कैसे है?
दुख होता है.. और यकीन मानो बहुत दुःख होता है यार |
इसलिए नहीं देनी मुझे प्रेम की परिभसा
नहीं बनना मुझे दुनिया का सब से बड़ा आषिक.
जब वो प्रेमी ही अपना नही हुआ?
तो कैसे -कैसे उसके बिना उसके प्रेम में रहा जाये?
और जब प्रेम -प्रेम ही न रहे तो शायद मतलबी बनना ही दुनिया की सबसे बड़ी जीत है
इसलिए हाँ में मतलबी हूँ...
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